दर्द जो दिल में है चेहरे की हँसी से उसको ना छुपाओ तुम
क्यों इतना ख़ामोश हो कुछ तो बताओ तुम।
ये बात और है कि मैं चाह के भी कुछ नही कर सकता हूँ
पर तेरे हर ज़ख्म की टीस पर आह भर सकता हूँ
कुछ बोल भी दो अब मान भी जाओ तुम
क्यों इतना ख़ामोश हो कुछ तो बताओ तुम।
तेरे लिये जी भले ही ना सकूँ पर मर सकता हूँ
तेरे दर्द को खुद पे महसूस कर सकता हूँ
अब होठों को सीकर यूँ ना सताओ तुम
क्यों इतना ख़ामोश हो कुछ तो बताओ तुम।