Monday, April 13, 2020

अकेला Comments

Rating: 5.0

कहीं मैं खुद ही खुद में खो न जाऊ
पीर बहुत हो दिल मे पर रो न पाऊ।
अनायास ही बैचैन रातो में सो न पाऊ,
गुज़रिश है ये खुदा से की तुझसे ऐसा मिलु,
...
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Tarun Badghaiya
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