काश इस कदर न आँखें मिलाई होती मुझसे एक रोज,
तो तेरे पलभर के दीदार को तरसना छोड़ देता ये दिल!
काश न तेरे प्यार की खुशबू आई होती मेरी ओर,
तो खिली हुई बगिया-सा महकना छोड़ देता ये दिल! !
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प्रेम की अभिलाषा के साथ प्रिय को खो देने का डर अथवा आशंकाओं से उत्पन्न एक काव्यात्मक अभिव्यक्ति जहाँ सब कुछ अनिश्चित दिखाई देने लगता है. धन्यवाद, मित्र.
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प्रेम की अभिलाषा के साथ प्रिय को खो देने का डर अथवा आशंकाओं से उत्पन्न एक काव्यात्मक अभिव्यक्ति जहाँ सब कुछ अनिश्चित दिखाई देने लगता है. धन्यवाद, मित्र.