Monday, February 19, 2018

आग के दरिया-सा दहकना छोड़ देता ये दिल! Comments

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काश इस कदर न आँखें मिलाई होती मुझसे एक रोज,
तो तेरे पलभर के दीदार को तरसना छोड़ देता ये दिल!
काश न तेरे प्यार की खुशबू आई होती मेरी ओर,
तो खिली हुई बगिया-सा महकना छोड़ देता ये दिल! !
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Sachin Brahmvanshi
COMMENTS
Rajnish Manga 15 March 2018

प्रेम की अभिलाषा के साथ प्रिय को खो देने का डर अथवा आशंकाओं से उत्पन्न एक काव्यात्मक अभिव्यक्ति जहाँ सब कुछ अनिश्चित दिखाई देने लगता है. धन्यवाद, मित्र.

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Sachin Brahmvanshi

Sachin Brahmvanshi

Jaunpur, Uttar Pradesh
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