एक वो दिन था तुम हमें थे चाँद से रोशन मियां Poem by Lalit Kaira

एक वो दिन था तुम हमें थे चाँद से रोशन मियां

एक वो दिन था तुम हमें थे चाँद से रोशन मियां
एक ये दिन है हो हमारी जीस्त की उलझन मियां

गीत हमने भी कहे हैं प्यार के उम्मीद के
बस जरुरत ने बदल दी जिंदगी की धुन मियां

खुल के मिलने की कहानी बस कहानी रह गयी
हम तरसते रह गए तुम हो गए मौसम मियां

दो ही चीजें है हमारे पास जीने के लिए
एक हमारी फाकामस्ती एक तुम्हारा गम मियां

उसकी खुशियाँ हँसी मेरी, दर्द मेरा उसका ग़म
माँ से अच्छा इस जहाँ में कौन है हमदम मियां

Monday, December 25, 2017
Topic(s) of this poem: love and life
COMMENTS OF THE POEM
Naila Rais 22 August 2018

A wonderful poetry..... Salute to all mummas..... (moms) ..10+++++++++++++++++++++++++ Thnx for sharing... You may like to read mine too... Naila

0 0 Reply
READ THIS POEM IN OTHER LANGUAGES
Lalit Kaira

Lalit Kaira

Binta, India
Close
Error Success