किससे कहें? Poem by Lalit Kaira

किससे कहें?

कौन है? पहचान क्या? किससे कहें?
दे गया ईंनाम क्या? किससे कहें

वो पलक नीचे झुका बोले- पिया
फिर पियोगे जाम क्या? किससे कहें

रूठ कर रहता अलग मुझसे सनम
तब न जाती जान क्या? किससे कहें

ये सुहानी रात बरबस रो पड़ी
पूछ बैठे, शाम क्या? किससे कहें

कल हिली धरती, समझ आया ललित
मौत का सामान क्या? किससे कहें

Thursday, December 21, 2017
Topic(s) of this poem: love and life,memory,reality,sadness
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Lalit Kaira

Lalit Kaira

Binta, India
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