Thursday, December 7, 2017

मोबाइलमय मानव Comments

Rating: 5.0

इक्कीसवीं सदी का मानव है प्रगति पथ पर
भौगोलिक सीमाएँ होती जा रही हैं लघु से लघुतर
करते हैं हर दम बात अब मोबाइल से
परंतु दूरी बढ़ गई मानव की मानव से
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Dr. Sada Bihari Sahu
COMMENTS
Rajnish Manga 07 December 2017

आपने मोबाइल फ़ोन के हवाले से वर्तमान समय की विसंगतियों तथा जीवन में व्याप्त कृत्रिमता की ओर ध्यान खींचा है. धन्यवाद. भौगोलिक सीमाएँ होती जा रही हैं लघु से लघुतर परंतु दूरी बढ़ गई मानव की मानव से

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Sada Bihari Sahu 07 December 2017

धन्यवाद आपको पसंद आई

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