तुम्हारे साथ धीरे धीरे चलने लगा हूँ मै
तुम मानो या न मानो अब बदलने लगा हूँ मै
मै तुम्हारी, माँ से बराबरी नहीं कर रहा
लेकिन तुमको भी माँ की तरह समझने लगा हूँ मै
कभी सोचता था की कैसे मै सम्भालूंगा तुम्हे
पर अब तुम्हारे साथ ही सम्भलने लगा हूँ मै
कभी सोचता था कैसे कटेगा जीवन का लम्बा सफर
लेकिन तुम्हारे साथ जीवन में रमने लगा हूँ मै
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