Saturday, September 2, 2017

घर पधारी सुनहरी परी Comments

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बरखा-सी इठलाती,
लोगों को हर्षाती;
सौम्यता भरी कलियों-सी,
घर पधारी सुनहरी परी|
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Sachin Brahmvanshi
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Rajnish Manga 02 September 2017

माता पिता के लिए उनकी बेटी सचमुच सुनहरी परी ही तो होती है जो जीवन के कष्टों में भी खुशिया बिखेरती है. विवाह के समय अपने कलेजे के टुकड़े को विदा करना बहुत कठिन घडी होती है. कविता में इन्हीं भावनाओं का सुंदर रेखांकन किया गया है. धन्यवाद.

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Sachin Brahmvanshi

Sachin Brahmvanshi

Jaunpur, Uttar Pradesh
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