कौन हूँ मैं क्या हूँ यही पुछना चाहती हूँ.......
कैसी हूँ इस बात को इतिहास के पन्नो से दोहराती हूँ.....
जरूरत के हिसाब से मुझे स्थान मिला, कभी द्रोपदी की तरह बांटी तो कभी लक्ष्मी की तरह पूजी जाती हूँ.....
कौन हूँ मैं क्या हूँ यही पुछना चाहती हूँ.......
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