किसी के ख़यालों में Poem by Sonali Ganguly

किसी के ख़यालों में

ख़ामोशी ने फिर सवारा हमे

तन्हाई ने गले लगाया है

खुद से है खफा या किस्मत से रुसवा

प्यार के रिश्तोंने हर कदम पर आज़माया है


अपना ही साया दूर हुआ हमसे

रौशनी की तपिशसे आज दिल घबराया है

अनजानी उन राहों में कहीं छूटा था साथ

ना हो जो किस्मत में, वो कहाँ किसी को मिल पाया है


क्या करूँ अफसोश जो हो ना सका

लबों पर फिर भी ये दुआ आया है

नाम उनकी खुशियां हमारी हो

कमवक़्त दिल उन्हें आज भी कहाँ भुला पाया है


सपनो ने हमसे यु नाता तोडा है

बीते लम्हों के धुंदली यादों ने हमे पुकारा है

जाने पहचाने राहों में हम हुए गुमसुदा

किसी के ख्यालों ने आज फिर से हमे रुलायाहै

किसी के ख़यालों में
Tuesday, September 8, 2020
Topic(s) of this poem: love
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Sonali Ganguly

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Rourkela
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