Tuesday, November 28, 2017

लाख समझाया अपने मन को, Comments

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लाख समझाया अपने मन को, भूलने की राह न तकते हैं,
हजार बार बताया नजरों को, तेरी दर से न तनिक हटते हैं,
कई बार बताया जुबान को, लेकिन तेरा ही नाम लेते हैं,
अपने जादू का बता दो इल्म, क्यों हम तुम पर ही मरते हैं।
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Dr. Navin Kumar Upadhyay
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