Tuesday, May 16, 2017

केतली छींका और वो Comments

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केतली छींका और वो

चाय से लबालब भरी हुई केतली
केतली के मुहाने पर धसा हुआ सा कागज़ का टुकड़ा
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Rahul Awasthi
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Rajnish Manga 16 May 2017

इस कविता में संवेदनशील कवि ने बाल श्रमिकों की समस्या और बाल अधिकारों के हनन का मामला उठाया है. यह सराहनीय है. बहुत बहुत धन्यवाद, मित्र राहुल अवस्थी जी.

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