सभी के एक हैं लक्ष्य
सभी इंतजार करते 
कोई ना जाने कब 
पूर्ण होंंगे लक्ष्य । 
कोई आज पाता कोई कल
कोई जन्म होते ही पाता 
सौ वर्षों तक जीवित रहे
फिर भी लक्ष्य से दूर रहे । 
कालचक्र के फेरे में मनुष्य
इंतजार करता पाने को 
समय काटने का सोचे 
करते काम, पढ़ते-लिखते
कलही बातें दिन-रात करते। 
जीवन सत्य से दूर जाते
कला को अपनाकर 
जीवन सत्य को खोजते
अमरता नाम को पाते।                
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