कुछ ऐसे तुम चलो कुछ साथ हम चलें
बस रहे यही सबब एक साथ हम चलें
चमन में काँटों का ज़िक्र क्यों हो
चलो करते फूलों की बात हम चले
आ तो गए तुम्हारे कहने पर यहाँ
हो चूका प्यार का इसबात हम चले
चन्द करम हमें भी कर लेने दो यहाँ
फज़ूल तो ना जाए ये हयात हम चले
कौनसा हक़ है हमे भी कुछ कहने का
सब आप ही के हैं अहकामात हम चले
यूँ अपना वजूद मिटा चूका हूँ मै
दफनाओ मुझे जलाओ अजात हम चले
ऐसे सज धज के तुम निकले हो तलब
जनाज़ा है खुदा या बारात हम चले
इसबात= Affirmation, proof
अहकामात= commands, orders
वजूद= existence, being
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