गर्दिश में होते हैं जब तारे
कौन फलक ढूंढे तब सहारे
क्या फर्क इश्क़ ओ चौसर में अब
जब जब वो जीते हम तब तब हारे
ऐसे रक़ीबों के होश उड़े जब
नाम मेरा लें हैं लब तुम्हारे
लोग समझे दीवाना जो तुझको
जंगल गुलशन पर्वत या रब पुकारे
उसे आसमान पर चलते है देखा
देखे ज़मीन पर तुम ने कब तारे
बेहिस बेपरवाह तलब ये खूबां
फिर क्यों लगते तुझको सब प्यारे
गर्दिश = revolution, adverse fortune
फलक = sky
चौसर = chess
बेहिस = indifferent
खूबां = beauties
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