Thursday, April 6, 2017

हाए उन होटों की मुस्कान कुछ और है Comments

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हाए उन होटों की मुस्कान कुछ और है
अगरचे आखों की दास्ताँ कुछ और है

दौर ए बहार से गुज़र चूका हूँ मैं
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Talab ...
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