Thursday, June 13, 2013

यह जीवन! Comments

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यह जीवन भी एक कविता है, कभी मुक्त-छंद, कभी छंद-बन्द।
धरणी के आंचल में बहती कोमल भावों की सरिता है।

यह जीवन भी एक कविता है।

यह जीवन भी एक राग है. कभी उच्च-हृस्व, कभी स्वर मध्यम।
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Jaideep Joshi
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