जब रातो का अँधियारापन दिन में घुलने लग जाता है।
जब जीवन का पल पल भारी हो शूलों सा चुभने लग जाता है
जब दुनिया का ये खेल तमासा बेमानी हो जाता है
तब दुनिया भर के लिए हम थोड़े अभिमानी हो जाते है।
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A tremendous work of yours.....loved it :)