Monday, August 15, 2016

दुआ है मेरी ईश्वर से Comments

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सदा सुखी रहो हे मित्र, दुआ है मेरी ईश्वर से!
दिन-रात महके जैसे इत्र, हो खुशियॉ तेरे मुकद्दर में!

खिले सदा हि गुलसन तेरा, खिले कलियां तेरे सफर में!
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Ajay Kumar Adarsh
COMMENTS
Rajnish Manga 19 August 2016

एक मित्र और उसकी मित्रता को समर्पित इस कविता में हृदय के सुंदर भाव प्रस्तुत कए गए हैं. लहता है कि मित्र कुछ दिन के लिये या सदा के लिये दूसरी जगह चले गए हैं. मेरे विचार से थोड़ा एडिट करें तो कविता को और प्रभावशाली बनाया जा सकता है. एक सुझाव है: 'दुआ है मेरी ईश्वर से! ' तथा 'मौला मदद करेगा तेरी' दोनों में विरोधाभास है. दोनों जगह एक ही जैसी अभिव्यक्ति होगी तो अधिक उपयुक्त रहेगा. धन्यवाद.

2 0 Reply
Ajay Kumar Adarsh 23 August 2016

बहुत बहुत धन्यवाद सर.....मैने सुधार करने कि प्रयास किया उम्मीद है कि ये सहि है मौला मदद करे तेरी, .......................... ...........................................................

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Ajay Kumar Adarsh

Ajay Kumar Adarsh

Khagaria (Bihar) / INDIA
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