Saturday, August 6, 2016

यादें Comments

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यादें ही तो जीवन के सहारे होते हैं!
भले सितारों की चमक ना हो इनमे,
पर साफ साफ हर ईक नज़ारे होते हैं!
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Ajay Kumar Adarsh
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Rajnish Manga 17 August 2016

स्कूल और कॉलेज की यादें भी कमाल की होती हैं. उस मस्ती का अच्छा वर्णन किया है आपने. धन्यवाद. यादें कैसी भी हो, पर कुछ तो नज़ारा होता है! जिनमे खो जाना ही दिल को गवारा होता है! Please Edit: purpose (परपज़) = उद्देश्य......propose (प्रोपोज़) = प्रस्ताव रखना या हाथ मांगना

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Ajay Kumar Adarsh 17 August 2016

बहुत बहुत धन्यवाद सर!

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SATISH CHANDRA YADAV 16 August 2016

निगाहे बदली मगर अहदे वफ़ा नहीं बदला, तूफानों में कभी हमने नाखुदी नहीं बदला, बहारे आई और आकर चली गयी, मेरे चमन से लेकिन दौरे खिज़ा नहीं बदला ……

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Ajay Kumar Adarsh 17 August 2016

वाह क्या बात है सतीश भाई.....

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Ajay Kumar Adarsh

Ajay Kumar Adarsh

Khagaria (Bihar) / INDIA
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