Saturday, April 16, 2016

'फूलों से '‏ Comments

Rating: 5.0

कहीं तू सजता शादी के मंडप में
कहीं तू रचता दुलहन की मेहंदी में
कहीं सजता तू द्दुल्हे के सेहरे में
कहीं बन जाता तू शुभकामनाओं का प्रतिक
...
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Pushpa P.
COMMENTS
Rajnish Manga 25 April 2016

फूलों के माध्यम से जीवन जीने का एक रास्ता दिखाती है यह कविता. बहुत सुंदर. कविता शेयर करने के लिये धन्यवाद, पुष्पा जी. आपकी कविता से एक उदाहरण: न देना...साथ सिर्फ खुशियों का तुम...लगा लेना ग़म को भी कभी सीने से

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Pushpa P Parjiea 10 May 2019

Thankyouuu bhai

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