मम्मी, मम्मी मेरे पापा, क्यों रहते मुझसे नाराज?
कभी नहीं कुछ कहते मुझसे, और न करते कोई बात.
एक सुबह जब मैंने पूछा, चंदा मामा कहाँ गये?
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Wonderfully written beautiful poem...thank you for sharing :)
आप सौभाग्यशाली हैं कि आपको श्रोता ढूँढने की जरुरत नहीं पड़ती. दो नन्हें (प्रिय नीहारिका और निखिल) श्रोता ही काफी हैं. वैसे मैं आपको बता दूँ कि यह कमाल की कविता है और इसकी रोचकता बाल मनोविज्ञान की सूझ-बूझ पर आधारित है. इसे मैं अपनी पसंदीदा कविताओं में शामिल कर रहा हूँ. धन्यवाद.