Saturday, January 9, 2016

पापा मम्मी जिंदाबाद (बाल कविता) Comments

Rating: 5.0

मम्मी, मम्मी मेरे पापा, क्यों रहते मुझसे नाराज?
कभी नहीं कुछ कहते मुझसे, और न करते कोई बात.

एक सुबह जब मैंने पूछा, चंदा मामा कहाँ गये?
...
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Upenddra Singgh
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Rajnish Manga 18 January 2016

आप सौभाग्यशाली हैं कि आपको श्रोता ढूँढने की जरुरत नहीं पड़ती. दो नन्हें (प्रिय नीहारिका और निखिल) श्रोता ही काफी हैं. वैसे मैं आपको बता दूँ कि यह कमाल की कविता है और इसकी रोचकता बाल मनोविज्ञान की सूझ-बूझ पर आधारित है. इसे मैं अपनी पसंदीदा कविताओं में शामिल कर रहा हूँ. धन्यवाद.

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Abhilasha Bhatt 09 January 2016

Wonderfully written beautiful poem...thank you for sharing :)

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Upenddra Singgh

Upenddra Singgh

Azamgarh
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