दुनिया में अब भारत की हुंकार सुनाई देती है Poem by Abhishek Omprakash Mishra

दुनिया में अब भारत की हुंकार सुनाई देती है

Rating: 5.0

दुनिया में अब भारत की हुंकार सुनाई देती है
विश्व पटल पे अब अपनी ललकार सुनाई देती है

दस वर्षों की हर घटना का, हर इक ज़ख़्म सिल गया है
नयी तरक्की का अब देखो फिर से कमल खिल गया है

राजनीती के वंशवाद का बूढा वृक्ष हिल गया है
दिल्ली को फिर से अपना सरदार पटेल मिल गया है

मैंने इस दिल्ली को हर पल कोलाहल में देखा है
दस वर्षो से कई घोटालो के दलदल में देखा है

अंधियारे में पली जो अब तक पूरी वो फरियाद हुयी
दिल्ली की कुर्सी मौनी बाबा से अब आज़ाद हुयी

अब छुटकारा मिला देश को घूसखोर जयचंदो से
राम बचायें अब हमको इन भ्रष्टनीति के बन्दों से

मैं कवि हुँ मिट्टी का मुझको पीड़ा सहना आता है
और मेरी कविता को केवल सच ही कहना आता है

इसी लिए मैं राजनीती का सच बतलाने आया हूँ
मैं कविता से भारत में एक दीप जलाने आया हूँ


कवि अभिषेक मिश्रा ''अपर्णेय''

Saturday, October 3, 2015
Topic(s) of this poem: hindi,love and life
COMMENTS OF THE POEM
Kumarmani Mahakul 03 October 2015

Very wise in concept and nice in composition with wonderful patriotism in favor of nation is seen....10

1 0 Reply
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