manjusha radhe Poems

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1.
प्रेम(Love)

तुम्हारा न होते हुए भी,
सिर्फ तुम्हारा होना प्रेम है..!
तुमसे दूर रह कर भी,
तुम्हारे करीब रहना प्रेम है..!
...

2.
वो शख्स (That Person)

वो शख्स क्या है, कौन है मेरे लिए खुद मुझे पता नहीं?
बस अच्छा लगता है उससे यू ही ढेरो बाते करना, ,
वो साथ ना तो दिल ही दिल खुद से उसकी बाते करना।
वो शख्स क्या है, कौन है मेरे लिए खुद मुझे पता नहीं?
...

3.
आसान था (Was Easy)

बड़ा आसान इलाज मेरे दर्द का,
तेरे कुछ शब्दो का मरहम।
लेते आना अब कि दफा
तेरा थोड़ा सा वक्त और तुम।
...

तुम समझो मुझे कभी ये ख्वाहिश मेरी,

क्यों सदा ख्वाहिश ही रही?
...

5.
औरत (Female)

*एक औरत, किसी पुरुष में...*
*हमेशा प्रेमी ही नहीं तलाशती...।*
*वो तलाशती है एक साथी....! *
*जो उसकी हर गलती के बाद भी उसे उतना ही प्यार दे...! ! *
...

सफर मेरी मोहब्बत का(वो शख्स)

वो जैसे मेरे जिस्म का एक अंग था,
दूर होकर भी वो हमेशा मेरे संग था।
...

7.
उम्मीद करता है

पागल कहकर समझदारी की उम्मीद करता है,
अजब शख्स है पानी से आग जलाने की उम्मीद करता है।

तन्हा हूं तन्हा ही रहने दो अब मुझे
...

8.
व्यथा (Agony)

मैं पागल नहीं पर नजरो में सबकी पागल बनाई गई हूं,,
औरत हूं क्या तभी मैं हर कदम आजमाई गई हूं?

दी जैसे मैने हर पल जैसे एक नई अग्नि परीक्षा,,
...

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