MANINDER SINGH

MANINDER SINGH Poems

आँखों से तेरी छलकता है इश्क,
बन गीत लब पर थिरकता है इश्क,

काली घटा सी जुल्फें है तेरी ये,
...

आँखों से वो गुस्ताखियां करने लगा,
हर बात वो दिल की, नज़र से पढ़ने लगा,

पहला मिलन है आज उस से यूँ मेरा,
...

देखो सभी, तेवर बदलने लगे नोट,
खुद ही जेबो से अब निकलने लगे नोट,

था रुपया, कब से तिजौरी में ही बंद,
...

The Best Poem Of MANINDER SINGH

आँखों से तेरी छलकता है इश्क-ग़ज़ल

आँखों से तेरी छलकता है इश्क,
बन गीत लब पर थिरकता है इश्क,

काली घटा सी जुल्फें है तेरी ये,
जुल्फें देख तेरी सवँरता है इश्क,

हम हो गये तेरी नज़र से कत्ल,
इस कत्ल में भी झलकता है इश्क, ,

है चाल हिरणी सी तेरी, बल खाती,
सज धज के राहों पे निकलता है इश्क,

नगमा "मनी" बन जा तू, मेरे दिल में,
तेरे लिये मेरा धडकता है इश्क, ,

मनिंदर सिंह "मनी"

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